सम्पादकीय

सकारात्मक शुरुवात
नेपालक संविधान जारी भेला करिब एक वर्ष होएब लागल अछि । गत आशिन ३ गते आन्दोलनरत मधेशी मोर्चाके बाइपास कऽ कऽ जारी कएलगेल संविधान सर्वस्वीकार्य एखन धरि नहि भऽ सकल अछि । ओना तऽ संविधानसभाक ९० प्रतिशत सभासदके समर्थनमे संविधान जारी कएलगेल कहलगेल । मुदा, देशक आधा भू–भाग वर्तमान संविधानसँ एखन धरि असन्तुष्ट अछि । जकर प्रमुख कारण अछि संविधान जारी करबासँ पूर्व आन्दोलनरत मधेशी मोर्चाके विश्वासमे नहि लऽ सकब । केपी ओली प्रधानमन्त्रीसँ पदमुक्त भेलाक बाद नेपाली काँग्रेस आ नेकपा माओवादी केन्द्रक गठवन्धनक सरकार बनल अछि । वर्तमान सरकार गठन करबामे आन्दोलनरत मधेशी मोर्चा सहित संघीय गठवन्धन सशर्त समर्थन जनओने अछि । नेपाली काँग्रेस, माओवादी केन्द्र आ मोर्चा बीचक तीन सुत्रीय सहमतिके जगमे बनल ई सरकार मधेश आन्दोलनक मुद्दा तथा तीन सुत्रीय सहमति कार्यान्वयनकेलेल पहल शुरु कऽ देने अछि । मधेश आन्दोलनक क्रममे मृत्यु भेल सभके शहिद घोषणा, मृतक परिवारके क्षतिपुर्ति सहितक सहमति कार्यान्वयन करबालेल सरकार गठनक दोसर दिन दुनु पक्षबीच वार्ता सेहो भेल अछि । विगतके सरकार आन्दोलनरत पक्षसँ बातचित करबाक वातावरण निर्माण नहि कऽ सकल अवस्थामे एहि प्रकारक प्रयासके सकारात्मक मानल जा सकैत अछि । वार्तामे एक सप्ताह भितर मृतक परिवारके क्षतिपूर्ति उपलब्ध करएबाक सहमति भेल अछि । तहिना, मृतकके नाम आ सूची तैयार कऽ मन्त्री परिषदके बैसारसँ शहिद घोषणा करबाक सहमति भेल अछि । संविधान कार्यान्वयन तथा असुन्तुष्ट पक्षके सहमतिमे लएबालेल एहि प्रयासके प्रशंसा करहि परत । यधपि मधेश आन्दोलनसँ जुडल मुद्दा तथा संविधानक असन्तुष्टि मुख्य रुपेँ सीमांकनक विवाद एखनो यथावत अछि । मुदा, सीमांकनक विवादके विषयमे सेहो सरकार आपसी सहमतिके आधार पर व्यवस्थापिका संसदमे विधेयक लऽ जएबा पर सहमति जनओने अछि । वर्तमान सरकारसँ विकास निर्माण सहितक विषयमे अधिक अपेक्षा करब सार्थक नहि अछि। एहि सरकारक प्रमुख दायित्व संविधान कार्यान्वयनलेल आन्दोलनरत दलक मुद्दाके सम्बोधन महत्वपूर्ण अछि ।